कब तक, ये आग यूँ बरसेगी । जन्नत सुख चैन ,को तरसेगी। कब तक, ये आग यूँ बरसेगी । जन्नत सुख चैन ,को तरसेगी।
वर्दी जब करती दुश्मन को ललकार ललकार सुनकर अरि करे नानी याद वर्दी जब करती दुश्मन को ललकार ललकार सुनकर अरि करे नानी याद
तिरंगे में लिपटा देश की शान पृष्ठभूमि पर गूंजता राष्ट्रगान। तिरंगे में लिपटा देश की शान पृष्ठभूमि पर गूंजता राष्ट्रगान।
लोकतंत्र के महापर्व का आओ हम सम्मान करें। लोकतंत्र के महापर्व का आओ हम सम्मान करें।
मेरा तेरा करने से ही आती फिर कंगाली है मोह माया में बंध कर जीवन में होती बदहाली है जात धर्म का भेद... मेरा तेरा करने से ही आती फिर कंगाली है मोह माया में बंध कर जीवन में होती बदहाली...
तिरंगे की लाज रखते-रखते प्राण अपने न्योछावर करके भारत के लाल कहलाते हो ! तिरंगे की लाज रखते-रखते प्राण अपने न्योछावर करके भारत के लाल कहलाते हो !